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UP मे "हर घर जल योजना" से पहुंचेगा घरो तक शुद्ध पेयजल ।

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 "हर घर जल योजना" के अंतर्गत अगले 100 दिन में पहुंचेगा उत्तर प्रदेश के 4.75 लाख घरों तक शुद्ध पेयजल । उत्तर प्रदेश में नमामि गंगे योजना एवं जलापूर्ति विभाग ने अगले 100 दिनों में 4.75 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है इससे करीब 30 लाख आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया   जा सकेगा।   अब तक प्रदेश में 35.59 लाख घरों को यह लाभ मिल चुका तो।  इस योजना में प्रदेश भर के दो करोड़ 64 लाख 27 हजार 705 घरो तक पानी की सुविधा पहुंचाई जा चुकी है । कितना खर्च करेगी सरकार :- जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि 4 पॉइंट 75 लाख घरों में यह जल पहुंचाने में कुल 3000 करोड रुपए का खर्च आएगा।इसके तहत निर्माणाधीन 300 ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाओं से करीब 2.5 लाख घरों को पानी का कनेक्शन दिया जाएगा। वहीं रेट्रोफिटिंग की करीब 280 पाइप पेयजल योजनाओं से करीब एक लाख घरों में नल से जल पहुंचेगा। इसके साथ ही 61 जिलों में भूजल आधारित 150 ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाओं के जरिए 0.75 लाख घरों में नल का कनेक्शन जोड़कर पानी आपूर्ति की जाएगी। विंध्य व बुंदेलखंड क्षेत्र में 75 पाइप पेयजल योजनाओं को पूरा

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9 अप्रैल विशेष:- *शोषित-उत्पीडित जनता के नायक थे राहुल सांकृत्यायन*

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  *शोषित-उत्पीडित जनता के नायक थे राहुल सांकृत्यायन* आज 9 अप्रैल को महाविद्रोही, महापंडित राहुल सांकृत्यायन की जन्मदिन है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ ज़िले में एक पिछड़े गाँव पन्दहा में 9 अप्रैल, 1893 को जन्मे राहुल का मूल नाम केदार पाण्डेय था। बौद्ध धर्म में आस्था रखने के कारण उन्होंने अपना नाम बदल कर राहुल रख लिया था और फिर राहुल सांकृत्यायन नाम से विख्यात हुए। रानी की सराय और निजामाबाद में अनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई। उन्होंने 1907 में उर्दू मिडिल परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद उन्होंने कभी विधिवत शिक्षा ग्रहण नहीं की। अपने घूमने के अनुभव के आधार पर ही उन्होंने साहित्य का सृजन किया। भारतीय इतिहास में ऐसे प्रचण्ड तूफानी व्यक्तित्व बहुत कम हैं। एक ठहरे हुए और रुढ़ियों में जकड़े समाज के प्रति उनके मन में बचपन से ही बग़ावत की भावना पैदा हो गई थी। 14 साल की उम्र में उनका विवाह कर दिया गया जिसके विरोध में वे घर परिवार को छोड़ दिया, फिर वे एक मन्दिर के महन्त बने, महन्त से आर्यसमाजी, फिर बौद्ध और अन्त में कम्युनिस्ट, दुनिया काे देखा किताबाें में नहीं बल्कि संघर्ष भरी यात्रा में। लाेगाें से

कितने पैसे देकर लगेगी वैक्सीन (covid-19) की तीसरी डोज ?

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  कब से लगेगी ये डोज :- भारत में जिन व्यक्तियों को  दो डोज लगाई जा चुकी है उनको 10 अप्रैल से वैक्सीन की तीसरी डोज लगायी जाएगी । स्वास्थय मंत्रालय ने इसे *प्रीकोशन* डोज नाम दिया है । किनके लिए है फ्री :- केवल हेल्थ वर्कर और 60 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को यह मुक्त लगाई जाएगी बाकी व्यक्तियों को भुगतान करना होगा । कौन होगा पात्र :- जो व्यक्ति 18 साल से अधिक उम्र का है तथा जिन्होंने दूसरी डोज 9 महीने या उससे पहले लगवाई थी वही व्यक्ति पात्र है । कितनी होगी कीमत :- सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ आधारसिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला ने बताया कि कोविड-19 केसिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला ने बताया कि कोविड-19 के क्वेश्चन डोज की कीमत ₹600 होगी टैक्स लगने के बाद कीमत बढ़ जाएगी उन्होंने यह भी बताया कि कोवोवैक्स को जब बूस्टर डोज के तौर पर मान्यता मिल जाएगी तो उसकी कीमत बिना टैक्स लगाए 900 रुपये होगी । कोविड वैक्सीन के भारत मे आंकड़े :- स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में 15 से अधिक उम्र वालों में 96 परसेंट लोगों को कोविड-19 की सिंगल डोज जबकि 83 परसेंट लोगों